Baspan Ka Pyar

 मैं पहले हाथो में कुछ नही पहनता था, और न ही मुझे पहनने का शौक था, जब रिलेशनशिप स्टार्ट हुई तो उसने हमसे पूछा की हाथ में काहे नही कुछ पहनते हो, तो हमने कहा हमे कोई शौक न है,

 तो ये बात जानू को अच्छा नही लगा तो, बिना बताए एक घड़ी लेकर आ गई, तो जो लाई थी ओ मॉडल हमको अच्छा नही लगा,

 अब तुम लोग सोच रहे हो कि मैंने वापस कर दिया होगा, अबे पगला गए हो क्या, जानू का पहला गिफ्ट था कैसे न लेता, ले लिया था एक दिन पहना फिर निकाल के सुरक्षित रख दिया,

 फिर जब क्लास में उनकी नजर हमारे हाथो पर गई तो घड़ी हाथ में थी ही नहीं तो हमे घूर घूर के देखने लगी और मैं समझ ही नही पा रहा की जानू गुस्सा काहे कर रही, 

जैसे ही छुट्टी हुई घर पहुंचते ही उनका कॉल आया, और पहला सवाल, कि घड़ी कहा गई, Offcourse किसी को दे दिए होगे, और कर भी क्या सकते हो,

 हमने कहा हमे भी बोलने का मौका दिया जाए, तो कह रही बोल लो बोलने को बचा ही क्या है हमने कहा जानू ऐसा है की घड़ी का मॉडल हमको जमा नही इसलिए निकाल के रखे है, तो कहने लगी दूसरा ला के दे दे।

 हम कहे सुनो ज्यादा पैसा उड़ाने की जरूरत नही है हमको नहीं चाहिए, तब तक उन्हें कही दर्शन के लिए जाना पड़ा परिवार के साथ तो हमको ये एक जय माता दी वाला चुल्ला खरीद के लाई और एक गोल्डी वाला रक्षा, फिर बुला के बड़े प्यार से अपने हाथो से बांधी है, और ये बात 2013 की है तब से हम यही पहनते है। जानू तो चली गई छोड़ के बस उनकी दी हुई यही एक ऐसी निशानी है जिसे देखते ही यादें ताजा हो जाती है,

महज 15 रू में दोनो मिल जायेंगे आज भी पर बबुआ क्या है न सोने का ब्रासलेट भी पहन लूं तो ओ फीलिंग्स नही आयेगी जो इसके पहनने पर आती है,



 पहली मोहब्बत का आखिरी निशानी

🥺🥺🥺🥺🥺

Comments

Popular posts from this blog

Baspan ka pyar

Baspan Ka Pyar